प्रेषक : कविन दास
बात बहुत पुरानी है लेकिन मेरी पहली चुदाई की है। इससे पहले मैं रात में अपनी चड्डी गन्दी करता था। फ़िर एक बार दोस्तों के साथ ब्लू फ़िल्म देखी थी.. तब भी हाथ से दबाने से ही मेरी लंड से बहुत सारा चिपचिपा गाढ़ा गाढ़ा सफ़ेद जूस निकल गया था..
तो दोस्तो, किस्सा इस तरह हुआ :
हम लोग पुणे में रहते थे, तब मैं हाई स्कूल में था। हमारे घर में एक नौकरानी थी जिसका नाम पूनम था और उसकी उम्र 30 साल थी फिगर 36-30-38 था। वह बहुत सेक्सी लगती थी पर उसका रंग सांवला था और चून्चियां तो ऐसी थी कि मेरे दोनों हाथों में एक भी ना आये और हमेशा ऐसा लगता था जैसे कहती हो- आओ मुझे चूसो ! प्यार करो, दबाओ !
उसकी शादी हो चुकी थी पर उसके कोई बच्चा नहीं था। मैं बहुत नासमझ, डरपोक और शर्मीला था।
एक दिन मैं स्कूल के दोस्तों के साथ जा रहा था तो दोस्तों ने कहा- एक पिक्चर लगी है ! देखोगे?
मैंने कहा- नहीं !
तो वो बोले- चल यार, किसी को पता नही चलेगा !
और वो मुझे “तेरी बाँहों में” दिखाने ले गए जोकि ब्लू लगून पर बनी थी। पिक्चर मुझे अच्छी लगी और मुझे कुछ कुछ होने लगा मेरा लण्ड पैंट मे खड़ा हो गया। मैंने उसे ऊपर से दबाया और मसला तो पैंट में ही मेरा सब जूस निकल गया। मुझे बहुत शर्म आई, लेकिन मुझे अलग महसूस हुआ और मैं औरतों की तरफ़ खीचने लगा।
मेरे मकान मालिक की एक बेटी थी, नाम किरण था और वो मुझे अच्छी लगने लगी जोकि इन्टर में पढ़ती थी और मैं उसकी चून्चियों की तरफ़ ही देखता था। इसके बारे में अगली कहानी में लिखूंगा, अभी सिर्फ़ पूनम !
मैं हमेशा पूनम की तरफ़ नज़र बचा के देखता था पर एक दिन पूनम ने मुझे पकड़ लिया और कहा- क्या देख रहे हो संजू बाबा ?
तो मैं बोला कुछ नहीं। वो हँसी और कहा- आजकल गन्दी पिक्चर भी देखते हो और पैंट ख़राब करते हो..
मैं चुप रहा और वो अपना काम करने लगी। फिर मैं डर गया और उसकी तरफ़ भी नहीं देखता था।
एक बार वो घर में दो दिन तक नहीं आई तो मम्मी ने मुझे उसके घर भेजा पता करने के लिए ! मैं उसके घर पहुँचा और घंटी दबाई तो पूनम ने दरवाजा खोला।
देखता क्या हूँ कि वो सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में थी। एक तो वो गरीब बाई थी और सेक्सी बहुत थी। उसका पेटीकोट सामने से फटा था जिसमें से उसकी झांटें साफ दिख रही थी। उसने तुरंत अपना पेटीकोट ऊपर खोंसा और मुझे अन्दर आने को कहा।
मैं अन्दर गया और पूछा- तुम आ क्यों नहीं रही हो?
वो बोली- कुछ नहीं, मेरा पति आया था और आज चला गया है, कल से आऊंगी।
तभी उसका पेटीकोट फिर गिर गया और वो शरमा गई। क्योंकि लगातार मेरी नज़र उसकी चूंची पर थी और वो काफी बड़े थे और उसमें से उसके निपल दिख रहे थे क्योंकि वो ब्रा नहीं पहने थी। उसने मुझे बिठाया और अन्दर चली गई और साड़ी पहन आई। मैं अभी भी उसकी चूची देख रहा था।
तभी वो बोली- कोई बात है क्या ?
मेरी मुँह से निकला- तुम्हारी टांगों के बीच इतने बाल क्यों हैं?
वो हड़बड़ाई और मुझे घूरने लगी। मैं घबरा गया और बाहर निकल आया। डर भी गया कि कहीं वो मम्मी से ना कह दे।
मैं शाम में उसके घर में गया और बेल बजाई। उसने दरवाज़ा खोला मुझे देख अन्दर बुलाया, बोली- क्या है ?
मैंने बोला- मैंने जो पूछा था उसे मम्मी से नहीं कहना !
तो वो बोली- कहूँगी !
मैं डर गया और रोने लगा। वो हँसने लगी, बोली- डरो नहीं ! नहीं बोलूंगी !
उसने मुझे बुलाया और बोली- तुम पिक्चर देखने गए थे तो कहा क्या ?
मैं उसे देखता रहा और उसने मेरे दोनों गालों को चूमा और बोली- कैसी लगी थी पिक्चर?
तो मैंने कुछ नहीं कहा, तो मुस्कुरा कर बोली- कोई बात नहीं … बता तो दो !!
फिर मेरे गाल को नोचा।
मैंने कहा- अच्छी थी ! पर कुछ समझ नहीं आई क्योंकि कुछ भी दिखा नहीं और दोस्त कह रहे थे कि ब्लू फ़िल्म है।
उसने मेरे चूतड़ पर थपकी दी और नोचा और कहा- अभी भी नहीं जानते हो कि उस पिक्चर में क्या था?
मैंने उसकी तरफ़ देखा और बाहर आ गया फिर घर चला आया।
अगले दिन मम्मी सुबह तैयार हो कर मौसी के यहाँ जाने लगी तो मुझसे बोली- पूनम जब आए तो बर्तन साफ करा लेना और खाना खा लेना।
छोटी बहिन स्कूल चली गई थी और भइया मुम्बई में थे। मैंने स्कूल की किताब निकाली और पढ़ने लगा। हमारे घर में बाहर छोटा सा बगीचा था और उसमें मैंने फूलों के पौधे लगाये थे और बकरियाँ उसे चर जाती थी।
तभी पूनम की आवाज़ आई- संजू जल्दी आओ ! मैंने बकरी पकड़ी है, गेट बंद करो !
मैं तेज़ी से आया और गेट बंद किया तो देखा बकरी के थन काफी नीचे लटके थे और पूनम बकरी को पकड़े थी। वो बकरी को पकड़ कर अन्दर ले आई और उसके मुँह पर कपड़ा बाँध दिया ताकि वो चिल्लाये नहीं, और मुझसे बोली- संजू यहाँ आओ !
फ़िर मुझसे बोली- मैं जरा बर्तन साफ कर लूँ !
मैं उसके पास गया और पूछने लगा- बकरी क्यों पकड़ी है?
तो मेरी ओर मुस्कुरा कर बोली- एक काम के लिए !
और मेरी नज़र उसकी चूची पर पड़ी और ठहर गई। उसने मेरी ओर देखा और साड़ी खिसका दी ताकि मुझे और साफ दिख सके।
मैं खड़ा रहा क्योंकि उसका ब्लाउज बगल से फटा था और उसमें से उसका बदन दिख रहा था। उसने जल्दी से काम खत्म किया और मुझे देख कर बोली- आओ !
और बकरी को पकड़ कर अन्दर कमरे में ले आई। फिर नीचे बैठ गई और बकरी के थन सहलाने लगी और बोली- दूध पियोगे ?
मैंने कहा- बकरी का ?
तो बोली- नहीं तो क्या मेरा !
फिर बकरी के थन चूसने लगी और बोली- लो अब तुम पियो !और मुझे गोद में बिठा कर दूध पिलाने लगी और मेरे गाल चूमने लगी। मुझे लगा कि जैसे मेरा लंड कड़क होकर टूट जाएगा क्योंकि वो एकदम खड़ा हो कर अन्दर मुड़ गया था। मुझे अच्छा लग रहा था।
उसने मुझसे पूछा- मजा आया?
मैंने कहा- हाँ !
फिर वो बोली- आओ अंदर चलें बेड पर !
मैंने कहा हाँ !
वहाँ उसने अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउज और पेटीकोट में मेरे सामने आ गई। मेरा लंड तन गया और मैं अपने लंड को दबाने लगा।
उसने कहा- क्या है ? लाओ मैं देखूं !
उसने मेरी पैंट उतार दी और अंडरवियर में से लंड को निकाल कर देखने लगी, धीरे धीरे सहलाने लगी। मेरे तो होश उड़ गए। फिर उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मैं हैरान था और बोला- क्या कर रही हो?
वो बोली- तुम्हें पिक्चर समझा रही हूँ !
और उसने मेरे लंड को कस कस कर दबाया और बोली- मेरे भोले राजा ! बहुत घूरते हो औरतों को ? आज तुम्हारी हर इच्छा पूरी कर दूँगी !
और उसने मेरा हाथ अपनी बहुत बड़ी बड़ी चूंचियों पर रख लिया और मेरा लंड झटका खा गया। मैंने पहली बार किसी चूची को छुआ था। मैंने कस कर उसकी चूची पकड़ ली और दबाता चला गया। वो चिल्ला पड़ी- बस करो नहीं तो टूट जाएँगी !
मैंने उसकी चूची को ब्लाउज के ऊपर से चूसना शुरू किया तो बोली- ब्लाउज तो उतार लो ! मैंने एक एक कर के बटन खोले और जैसे मेरे सामने दोनों दूद्दू खुले, मैं उससे चिपक गया। मेरा लंड उसके फटे हुए पेटीकोट के अन्दर था और उसकी बुर को छू रहा था। उसने मेरा हाथ अपनी दोनों चूचियों पर रखा और बोली- लो मेरा दूध पियो !
और मैं चालू हो गया, एक एक कर के दोनों को चूसने लगा। आधे घंटे चूसने-चाटने के बाद वो बोली- बस करो ! क्या खा ही जाओगे !
मैं रूका, उसने अपना पेटीकोट उतारा और मुझे अपनी बुर दिखाई और बोली- कभी देखी है ?
मैंने कहा- नहीं !
तो बोली- लो इसको चाटो !
मैंने तुरंत उस पर अपनी जबान रखी और चाटने लगा तो उसके झांटे मेरे मुँह में जाने लगी तो मैंने कहा- इसे साफ तो करो !
उसने पापा का शेविंग बॉक्स लाने को कहा। मैंने पहले कैंची से उसकी झान्ट को छोटा किया और फ़िर साबुन का झाग बने ब्रश से झाग बनाया और फ़िर एक रेज़र से सारे बाल साफ कर दिए। उसकी चूत एकदम गुलाबी हो गई, थोड़ा सांवला रंग था लेकिन चूत की जगह एकदम गोरी थी क्योंकि वो जगह बालों से ढकी थी। मैंने वहाँ हाथ फेरा, वो सी सी करने लगी।
यह मेरा पहला अनुभव था, उसकी चूत में से थोड़ा थोड़ा कुछ पानी जैसा निकल रहा था। मैंने हाथ लगाया, वो चिपचिपा था। अब उसकी आंखें भी बंद थी और मुझे भी मजा आ रहा था क्योंकि मैंने तो पहली बार ऐसा किया था।
अब उसने कहा- साले, मेरी चूत को चाट.. !
उसकी गाली सुन कर मैं तो हैरान हो गया.. लेकिन मुझे मज़ा आया। मैंने उसकी चूत में अपना मुँह लगाया, मै उसकी बुर को चाटता रहा उसने मुझे 69 अवस्था में लिया और मेरा लंड चूसने लगी। 5 मिनट में मेरा जूस निकलने लगा। यह मेरा पहली बार था। मै तो डर गया कि यह क्या हो रहा है।